Jharkhand में आ गया पहला रुझान, NDA और INDIA में किस गठबंधन को मिल रही है बहुमत, देखिए Live
कोल्हान में कुल 14 सीटे हैं, जिनमें से 9 सीटें आदिवासियों के लिए आरक्षित हैं और बाकी 5 सीटें सामान्य या एससी सीटें हैं। आपको पता है कि 2019 में भाजपा की हार की सबसे बड़ी वजह कोल्हान थी, क्योंकि यहां से एक भी सीट भाजपा को हासिल नहीं हुई थी। 12 सीटें झामुमो के पास थी और 2 कांग्रेस के पास, गठबंधन सभी सीटें जीतने में कामयाब हो गई थी। यानी कि यहां से भाजपा के पास हारने के लिए कुथ नहीं था, जो भी संभावनाएं थी, वो जीत की ही थी। और वही हुआ भी।
सबसे पहले हम आपको बताते हैं उन सीटों के बारे में जो हमारे हिसाब से भाजपा शत प्रतिशत जीत रही है।
पहली सीट है – सराईकेला। यहां से पूर्व मुख्यमंत्री चंपाई सोरेन भाजपा की टिकट पर थे। उनके सामने उनके पुराने प्रतिद्वंदी गणेश महली झामुमो की टिकट पर थे चंपाई को उनके कद का फायदा मिला, उनका जनाधार भी क्षेत्र में व्यापक है, उनके समर्थक तो उन्हें मुख्यमंत्री के तौर पर दोबारा देखना चाहते हैं, लेकिन फिलहार उनकी जीत तय है। मार्जिन भी ठीक-ठाक रहने की उम्मीद है। गणेश महली दूसरे स्थान पर रहेंगे, JLKM के प्रत्याशी तीसरे स्थान पर होंगे, लेकिन वोट अपेक्षाकृत बहुत कम रहने वाला है।
दूसरी सीट जहां भाजपा की जीत तय है वो है – जगन्नाथपुर। जी हां, गीता कोड़ा का जीतना तय है। पिछली बार चतुष्कोणीय मुकाबले में कांग्रेस यहां से जीत पाई थी। लेकिन इस बार पाला बदलने के बाद गीता कोड़ा यहां से चुनाव लड़ी थी, आजसू भी भाजपा के साथ है और मधु कोड़ा के फलस्वरूप गीता कोड़ा को एक आसान जीत मिलती हुई दिख रही है। जगन्नाथपुर सीट भाजपा के पास निश्चित तौर पर जा रही है।
तीसरी सीट है – इचागढ़। यह सीट एनडीए के खाते में आजसू के पास थी। पिछली बार भाजपा और आजसू अलग थे। इस बार साथ होने का फायदा मिला है। हालांकि मुकाबला कड़ा था, लेकिन आजसू का जीत लगभग तय है। मार्जिन सामान्य रहेगा। दूसरे नंबर पर झामुमो रहेगी।
चौथी सीट है – जुगसलाई। यहां भी झामुमो और आजसू के बीच मुकाबला था, लगभग वही सिचुएशन है। मुकाबला कड़ा रहा है, लेकिन जुलसाई और ईचागढ़ में से एक एक सीट जरूर आजसू के पास जा रही है। इसलिए अभी तक हमारी गिनी में सिर्फ तीन सीटें हुई हैं, यानी कि सराईकेला, जन्नाथपुर और फिर ईचागढ़ और जुगसलाई में से कोई एक सीट जरूर एनडीए के खाते में जा रही है।
अगली सीट पोटका है- यहां से अर्जुन मुंडा की पत्नी मीरा मुंडा चुनाव लड़ रही थीं। जानकारी है कि वे जीत की दहलीज पर हैं। अर्जुन मुंडा ने यहां पूरा जोर लगाया था, हर तरह की कोशिश हुई थी। ऐसा लगता है कि कोशिश कामयाब हुई है। मीरा मुंडा पोटका से जीत रही हैं।
इधर इसी कड़ी में घाटशिला भी है। यह सीट चंपाई सोरेन के बेटे बाबूलाल सोरेन की थी, मुकाबला कड़ा था, लेकिन बाबूलाल सोरेन की जीतने की प्रबल संभावना है। लेकिन मैं फिर से पोटका और घाटशिला में से कोई सीट कनफर्म मान रहा हूं। यानी हमारा टोटल टैली हो गया 4 सीटें कम से कम और 6 सीटें अधिकतम।
बिल्कुल इसी तरह जमशेदपुर पूर्वी और पश्चिमी में से कोई एक सीट एनडीए के खाते में जा रही है। पूर्वी से पूर्व मुख्यमंत्री रघुवर दास की पुत्रवधू पूर्णिमा दास थीं, सामने कांग्रेस से अजय कुमार थे। पश्चिमी में जदयू से सरयू राय और कांग्रेस से बन्ना गुप्ता। मैं अपनी बात दोहराता हूं। इन दोनों में से कोई एक सीट एनडीए के खाते में जा रही है।
यानी कि अब हमारा टैली हो जाता है 5 या 8। इस तरह हमारे आकलन में इस बार के चुनाव में एनडीए को कोल्हान में कम से कम 5 सीटें मिल रही हैं और आधिकतम 8 या 9 सीटें भी मिल सकती हैं। शेष सभी सीटें इंडिया गठबंधन के हाथ जाएंगी, किसी और पार्टी के लिए कोल्हान में कोई संभावना नहीं दिख रही हैं।
जिन सीटों पर इंडिया गठबंधन की जीत तय है वो सीटें हैं – बहरागोडा, चाईबासा, मझगांव, मनोहरपुर, चक्रधरपुर और खरसावां। शेष जिन सीटों पर हमने कहा कि मुकाबला कड़ा है, उनमें से कुछ सीटें इंडिया गठबंधन के पाले में जाएंगी।
इस तरह हम अपने आकलन में कोल्हान की 14 सीटों में एनडीए को कम से कम 5 सीटें दे रहे हैं, अधिकतम 8 सीटें तक आ सकती है। या इसके बीच कहीं आंकड़ रहेगा। इसी तरह इंडिया गठबंधन को हम कम से कम 6 सीटें दे रहे हैं, अधिकतम 9 सीटें आ सकती है।
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